Monday, July 22, 2013

प्यारी सी सुबह

आज की शाम बड़ी ही सुहानी थी ,
 अचानक अपनी चाहत को सामने पाया ,
यकिन ही नहीं हो रहा था की वो आये है,
                                    मन में पिछले दिनों बड़ी उलझन थी ,
                                    दिल बड़ा बेचैन था ,
कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था ,
                      आज की सुबह बड़ी ख़ुशनुमा है ,
                         मन को  एक तसल्ली है
                    कोई तो है जिसे मेरी फिकर है   




Wednesday, September 29, 2010

कभी किसीको मुक़म्मल जहाँ नहीं मिलता .....कभी ज़मी तो कभी आसमां मिलता ........

Sunday, September 5, 2010

सिसकिया

ख़ामोश साँस
ख़ामोश धड़कन
दर्द दिया अपनी ही आत्मा को
जैसे जान हमारी निकल गयी
क्या होता है दर्द
ये आज जाना हमने
ये ख़ामोशी जैसे नासूर बन गयी है
चीख भी नहीं आ रही है
बस आँखोंसे बरस रही है धाराए
न रोक पा रही हूँ और न समझा पा रही हु
इस दिल को

Sunday, November 22, 2009

दर्द

न जाने क्यू तुम बहोत यादआ रहे हो
भुलाना चाहू तो ,भूल नही पाते हम ,
मिलने की आस है ,क्या मै इस जनम में तुम्हे मिल पाऊँगी ?
तुम भी तो चाहते होंगे ,हम मिले ,बीते लम्हे याद करे
तुम्हारा तुम जानो .मेरी दिली तमन्ना है ,मेरे इंतकाल से पहले
पुरी करना चाहती हु ,क्या ये मेरी ख्वाइश पुरी होगी
ये तो खुदा ही जाने
क्या इतनी बड़ी खता हो गई है हमसे
के ऐसा मुह मोड़ लिया है
हा ! हमने गुनाह किया है
प्यार किया है आपसे , और जुदा हुए
नही समज सके आपकी मोहब्बत को ,
बड़ी सजा पाई है हमने ,
इसलिए जिंदगी भर तरस रहे है हम प्यार के लिए ,
क्या इतनी सजा काफी नही है
आपका दीदार होगा के नही ।
हमारा गुनाह माफ़ी के काबिल तो नही है ,
शायद इसलिए तड़पते है ,
बहोत तकलीफ होती है ,
क्या करे हम ,न दिल को चैन है न आराम
न किसीको बयां कर सकते है हम
आप ही बताये कैसे जिए हम!!!!!!!!!!!!!!!